Tuesday, August 5, 2008

या कोई दीवाना हँसे

बारह मिनट छत्तीस सेकेण्ड तक लगातार ठहाके लगाकर हंसने का रिकॉर्ड बना, रिकार्ड एक विलायती महिला के नाम रहाठहाके प्रतियोगिता का मकसद था "जिन्दगी में का नाम है" का संदेश देनाजिंदगी में हँसते रहना भी चाहिएबड़े बुजुर्गों ने कहा है 'हँसते रहो'। हंसने से मन हलका रहता हैचिकित्सा विज्ञानं का भी मानना है की हँसते मुस्कुराते रहने से स्वास्थय अच्छा रहता है

जिधर देखो वही हंसने हंसाने के लिए नई नई तरकीब निकाल रहा हैआजकल तो हर चैनल पर हंसने हंसाने को प्रोग्राम होने लगा है, कोकटेल की तरहकहीं का ईंट, कहीं का रोड़ा भानुमती का कुनबा जोड़ने के लिएहर कोई हँसते मुस्कुराते रहने के लिए इतना दवाब बना दिया की कई बार दिखावे में सामने वाले को देख कर हँसना पड़ता हैप्रधान मंत्री की तरह, जो सरकार बनाने से लेकर सरकार बचाने तक हंस रहे हैंभले वो अन्दर से परमाणु के झटके खा रहे हैंखतरे में भी हँसते रहना ही तो जिन्दादिली हैलगता हैं फिल्म आनन्द में बाबु मोशे कहने वाले राजेश खन्ना के संदेश ने प्रधान मंत्री का मन मोह लिया है

सुबह शाम हंसने की बात कर रहे हैं तो सुबह शाम पार्कों में घुमाने के लिए जायें तो आपको एक झुंड पार्क के किसी कोने में मिल जाएगाहँसते हुएये लोग जोरदार ठहाके लगते हैं चुप हो होकर या यों कहें की चुप हो होकर जोरदार ठहाके लगाते हैंठहाके लगाने वालों में ज्यादातर अपने हिस्से की जिन्दगी काट रहे हैंआजकल तो हर छोटे बड़े शहर में इस तरह हंसने का संक्रमण फैलने लगा है

गौण देहात अभी भी इस संक्रमण से अछूत बना हुआ हैगांवो में कोई बेवजह ठहाके लगाकर हँसता हुआ दिख जाए तो लोग यही कहेंगेलगता है यह पागल हो गया है... कांके घुमा लाओ जराकांके (झारखण्ड) रांची के पास का शहर हैयहाँ प्रसिध मनोचिकित्सल्या है, ग्रामीणों की बोली में तो पागलखानायहाँ वक्त बेवक्त ठहाके सुनाने को मिल जाता हैंयह अलग बात है की ये ठहाका पागलों का होता है

आजकल जहाँ देखे योगाचार्यों का बोलबाला हैंहर चैनल पर कोई कोई हंसने का योगभ्याश करवाकर अपनी दुकान चला रहा है

ऐसा नहीं है की हम नहीं हँसते हैंअब तो हमलोग बेवजह ही ज्यादा हँसते हैंहंसने में बनावटीपन साफ झलकता हैयह सामने वाला भी समझता है फिर भी अनजान बनकर चुप रहता है, क्यूंकि हंसने के इस तौर तरीके को वह भी अपनाता है


अब महंगाई को ही लीजियेगरीब की बेटी की तरह महंगाई जल्दी जवान हो गईऐसे में जिसे देखो वही इसे छेड़ रहा हैकभी इसको छेड़ता है तो कभी दक्छिन्पंथी इसको लेकर रार करते हैंहद हो गई, जब घर का मुखिया बाहर था तो करार का बहाना लेकर तकरार पर गएलोग फिर भी हंस रहे हैंअब देखो तो यही लोग फुटकर में खरीददारी करते हुए कह रहे हैं की यार बहुत महँगा सौदा हैइन पर दुनिया हंस रही हैभी हंसने का मजा ही अलग है

वैसे तो हंसने से कोई भी समस्या आज तक हल तो हुई नहींरोने से फायदा भी नहींलगातार रोकर रुदाली की डिम्पल बनकर क्या मिलेगाइसलिए हंसिये क्या पता आप भी बेवजह १२ मिनट के बजाये २० मिनट हंस कर विश्व रिकोर्ड बना लें। हम उन्हें नहीं कह रहे जो रावन को बुरा मानते हों। रामायण कल में यह रिकोर्ड बनाने की बात होती तो तय था की रावन ही विजयी होता अनादिकाल के लिए....

1 comment:

प्रदीप मानोरिया said...

बहुत उम्दा ख्यालात ज़ाहिर किए हैं आपने इन लाइनों में
आपसे गुजारिश है मेरे ब्लॉग पर भी दस्तक दें
http:/manoria.blogspot.com and kanjiswami.blog.co.in
आपको मेरी ग़ज़लों का भी दीदार हो सकेगा